हिमाचल सरकार की बड़ी सौगात! अपने खेतों में काम करो और मनरेगा की दिहाड़ी पाओ

Himachal: Rural jobless to work on their own land under MANREGA

राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत अपनी भूमि में काम करने के लिए इच्छुक बेरोजगार ग्रामीणों को मंजूरी दी है। इससे आप अपने खेतों में काम करने पर भी मनरेगा की दिहाड़ी पा सकते हैं। ये कार्य तब भी किए जा सकते हैं, जब वे ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं के शेल्फ में शामिल न हों।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। सीएम ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 260 लाख कार्य दिवस बनाकर कुल 859 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि मनरेगा के तहत 54 करोड़ रुपये खर्च करके इस वित्तीय वर्ष में अब तक 22 लाख कार्य दिवस बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा के तहत बनी लोक निर्माण विभाग की सड़कों और जल विद्युत विभाग की खाइयों के रखरखाव के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि भवन और अन्य निर्माण कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत 12,835 मनरेगा श्रमिकों ने 90 दिनों का काम पूरा कर लिया है। लोकपाल को राज्य के छह जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन में नियुक्त किया गया है और शेष जिलों में जल्द ही नियुक्त किए जाएंगे।

पायलट आधार पर सीवेज प्लांट स्थापित करने के लिए 23.70 करोड़ रुपये जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत एक विशेष पहल की है। मंडी जिले के थुनाग, धरमपुर और जंजैहली और ऊना जिले के बंगाणा में पायलट आधार पर सीवेज प्लांट स्थापित करने के लिए जल विद्युत विभाग को 23.70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। वहीं सड़कों के किनारे सुविधाएं प्रदान करने के लिए शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों के लिए 1 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।

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