हरिद्वार शहर में लॉकडाउन के चलते आम जनता घरों में बंद पड़ी है। लेकिन इसके विपरीत शहर के भीतर आबादी वाले छेत्रों में इंसानों की जगह जानवरों की हलचल होनी शुरू हो गयी है। लॉक डाउन के बीच आधी रात में हाथियों ने हरकी पैड़ी समेत अन्य आबादी वाले छेत्रों में जमकर उत्पात मचाया। इस बीच इलाके के लोगों में अफरातफरी मच गई। हालांकि, जान-माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आयी है।
लॉकडाउन के चलते दोपहर बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदने निकल रहे हैं। दोपहर 1 बजे बाद सड़कें सूनी पड़ जाती है, जिस कारण शहर में जंगली जानवरों की आवाजाही की खबरें लगातार सामने आ रही है। बुधवार की रात करीब एक बजे राजाजी टाइगर रिजर्व के जंगल से बिल्वकेश्वर कॉलोनी के पास से हाथी निकलकर बाजारों की तरफ रुख करने लगे।
हाथियों की मौजूदगी लक्सर रेलवे लाइन, चंद्राचार्य चौक, भगत सिंह चौक, ज्वालापुर रेलवे स्टेशन में देखने को मिली। इस दौरान लोगों में अफरातफरी मच गई। हरिद्वार रेंजर दिनेश प्रसाद नौड़ियाल को इस बात की सूचना दी गयी, जिसके बाद वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे काफी मशक्कत करनी के बाद हाथी को जंगलों की तरफ खदेड़ा गया। लेकिन इसके बाद सुबह चार बजे हाथी जंगलों से निकल कर हरकी पैड़ी क्षेत्र के बाजारों में पहुंच गया।
हाथी मोतीबाजार, अपर रोड, पालिका बाजार, मालवीय घाट, सुभाष घाट आदि क्षेत्रों में घूमता रहा। इस दौरान हाथी ने गंगा घाटों पर स्नान करने के लगी जंजीरों को तोड़ डाला। हनुमान घाट के पास हाथी को देखकर पुरोहित मोनू पंडित भागते समय एक विद्युत पोल से टकरा गया। जिससे वह घायल हो गए। राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज के रेंजर विजय कुमार सैनी ने बताया कि हाथी ने जान-माल का नुकसान नहीं पहुंचाया है।
इसके अलाव कनखल क्षेत्र में भी हाथी आने की सूचना से लोगों में रातभर हड़कंप मचा रहा। डीएफओ अकाश वर्मा ने बताया कि इन दिनों लॉक डाउन के चलते घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी वातावरण बिल्कुल शांत पड़ा हुआ है। जिसकी वजह से हाथियों ने आबादी वाले छेत्रों में प्रवेश किया। इस घटना के बाद फॉरेस्ट टीम सतर्क है, ताकि हाथी किसी को नुकसान न पहुंचा सके।