देशभर में कोरोनावयारस (Coronavirus) के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते कहर के बीच लोग अपने घर पहुंचने के लिए लगातार कोशिश में जुटे हैं। इस बीच उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले की बॉर्डर तहसील धारचूला से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जहां स्वदेश लौटने की चाह में 11 नेपाली मजदूरों ने छारछुम और न्याबस्ती से महाकाली नदी में छलांग लगा दी।
घर पहुंचने की चाह में उठाया ये कदम
दरअसल देश में चल रहे लॉकडॉउन के चलते धारचूला में हजारों नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। नेपाल सरकार की ओर से झूला पुल नहीं खोले जाने की वजह से ये लोग अपने-अपने घर पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इसके चलते ये इस कदर परेशान हो गए हैं कि 11 नेपालियों ने तो दोनों मुल्कों को बांटने वाली महाकाली नदी में ही छलांग लगा दी। जिसमें SSB की गश्त टीम ने सात नेपालियों को पकड़ कर थाना बलुवाकोट को सौंप दिया। वहीं, चार नेपाली नदी पार कर नेपाल पहुंचने में सफल रहे। जिन्हें धारचूला नेपाल प्रशासन द्वारा क्वारंटीन (quarantine) कर दिया गया है।
नेपाल पहुंचा एक मजदूर कोरोना पॉजिटिव
प्राप्त जानकारी के अनुसार चंपावत के एक गांव से नदी के रास्ते नेपाल गए एक मजदूर के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। मजदूर 16 मार्च को नेपाल से मजदूरी करने चंपावत आया था। 22 मार्च से लॉकडाउन होने पर वह अपने चार अन्य साथियों के साथ 28 मार्च को नेपाल लौटा था।
उसने नेपाल प्रशासन को बताया है कि वह टनकपुर सीमा से ट्यूब के सहारे चोर रास्ते से शारदा नदी पार कर ब्रह्मदेव पहुंचा, तो नेपाल सशस्त्र पुलिस ने उसे पकड़ लिया। महेंद्रनगर में क्वारंटीन किए गए चारों मजदूरों के सैंपल की जांच रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई थी।
राज्य में दो और जमाती मिले कोरोना पॉजिटिव
उत्तराखंड में पांच दिन के बाद दो और लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ ही अब प्रदेश में संक्रमितों की संख्या अब बढ़कर 37 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग को आज मिली सभी 157 सैंपलों की जांच रिपोर्ट में से दो मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, प्रदेश में नौ लोग ठीक होकर वापस लौट चुके हैं।