Barahoti: जब भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित उत्तराखंड के बाड़ाहोती से जवानों ने खदेड़ा था 200 चीनी सैनिकों को..

Barahoti, Uttarakhand - India-China Border

लद्दाख में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं इसके बाद चीन से लगे सभी सीमाओं पर लद्दाख के अलावा हिमाचल, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। उत्तराखंड में चमोली जिले से सटा सीमाक्षेत्र बाड़ाहोती (Barahoti) देश के सबसे संवेदनशील बॉर्डर में शामिल है। यहां चीन ने साल 2014 से लेकर 2018 तक लगभग 10 बार घुसपैठ की है। लेकिन हमारे हिमवीरों, ITBP के जवानों, ने चीनी सैनिकों को हर बार यहां से खदेड़ निकाला।

उत्तराखंड के राजधानी से लगभग 400 किलोमीटर दूर चमोली जिले में स्थित रिमखिल और लपथल। रिमखिम भारत की फ़ॉरवर्ड पोस्ट है और यह सड़क मार्ग से जुड़ा आखिरी इलाका भी है। यहां से लगभग 2 किलोमीटर की पैदल दूरी पर है, भारत-चीन सीमा पर मौजूद विवादित क्षेत्र ‘बाड़ाहोती’। जहां दिन के समय भी तापमान शून्य से नीचे रहता है।

बाड़ाहोती में लगभग 40 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में बड़ा चारागाह फैला है। सीमावर्ती इलाकों के लोग अक्सर अपने मवेशियों के साथ गर्मियों में यहां के विशाल चारागाहों में आते हैं। जिनका कई बार चीनी सैनिकों से भी सामना होता है।

भारत-चीन के बीच युद्ध 1962 में हुआ था, लेकिन सीमावर्ती इलाके बाड़ाहोती में उनकी नजर बहुत पहले से ही थी। सन 1959 में तिब्बत को अपने कब्जे में लेने के बाद चीनी सैनिकों ने यहां पहली बार घुसपैठ की थी। उस दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बात चीनी सैनिक पीछे हट गए थे।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्र बाड़ाहोती से लगभग 2 किलोमीटर दूर तुनजन-ला क्षेत्र तक भारतीय सेना पेट्रोलिंग करती है।

2017 में चीनी सैनिकों ने लगभग 5 बार घुसपैठ करने की कोशिश की थी। 25 जुलाई, 2017 को सीमा क्षेत्र में करीब 200 जवान भारत की सीमा में करीब एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए थे। इस दौरान हिमवीर ITBP के जवानों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी। इसके बाद चीनी सैनिक उल्टे पैर यहां से वापस लौट गए थे। बीते दशक में, सीमा पर ITBP के जवानों ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ करने के कई मंसूबों को नाकाम किया है।

इन सालों में चीनी सेना ने की थी घुसपैठ:

• साल 2014 में सीमा क्षेत्र में अंतिम चौकी रिमखिम के पास चीनी हेलीकॉप्टर देर रात तक आसमान में मंडराता रहा।

• साल 2015 में चीनी सैनिकों की ओर से भारतीय सीमा में घुसकर भारतीय चरवाहों के खाद्यान्न को नष्ट कर उन्हें बाड़ाहोती से भगा दिया था।

• साल 2016 में सीमा क्षेत्र के निरीक्षण के लिए गई चमोली जिला प्रशासन की टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ।

• 3 जून 2017 को सीमा क्षेत्र बाड़ाहोती में दो चीनी हेलीकॉप्टर करीब तीन मिनट तक आसमान में मंडराते रहे।

• 25 जुलाई 2017 को सीमा क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(PLA) के करीब 200 जवान भारत की सीमा में करीब एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए थे।

• 10 मार्च 2018 को बाड़ाहोती में चीनी सेना के तीन हेलीकॉप्टर भारत की सीमा पर करीब चार किलोमीटर अंदर घुस आए।

• जुलाई 2018 को चीनी सैनिक होतीगाड़ को पार कर भारतीय सीमा में घुस आए थे, तब सेना ने उन्हें खदेड़ दिया था।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा लगभग 345 किलोमीटर तक फैली है। जिसमें से लगभग 135 किलोमीटर पिथौरागढ़ जिले, 122 किलोमीटर उत्तरकाशी जिले और 88 किलोमीटर चमोली जिले की सीमा चीन से लगती है।

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