उत्तराखंड के सीमांत गाँव नीति में स्थिति टिंबरसैंण महादेव ( Adi Amarnath ) के दर्शन करना तीर्थ यात्रियों के लिए आसान हो गया है। सीमांत विकासखंड जोशीमठ में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र के अंतिम गांव नीति में टिंबरसैंण महादेव मंदिर स्थित है। यहाँ बाबा अमरनाथ की तरह गुफा के अंदर बर्फ का शिवलिंग आकार लेता है।
बाबा अमरनाथ की तर्ज पर देश-दुनिया के तीर्थ यात्री अब टिंबरसैंण महादेव की यात्रा कर सकेंगे। पर्यटन विभाग ने मार्च से यात्रा संचालित करने के लिए कवायद तेज कर दी है। सरकार का मानना है कि इससे सीमांत नीती घाटी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
चीन बॉर्डर के करीब होने के कारण नीति घाटी के सीमांत इलाकों के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती थी। लेकिन अब नीति घाटी को इनर लाइन से हटाने का निर्णय लिया गया है। जिससे यहाँ पहुंचना आसान हो गया है। इस निर्णय से सीमांत नीति घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
आदि अमरनाथ ( Adi Amarnath ) के नाम से जाने जाते हैं टिंबरसैंण महादेव
कहा जाता है की भगवान शिव ने कैलाश जानने से पहले यहाँ विश्राम किया था। इसीलिए स्थानीय लोग टिंबरसैंण महादेव को अमरनाथ के रूप में पूजते हैं। यहाँ प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग तैयार होता है, लेकिन नीती घाटी इनर लाइन के अधीन होने से यहां तीर्थ यात्रियों के जाने पर कई पाबंदी थी। कहा जाता है कि बर्फबारी ठीक हो तो शिवलिंग की ऊंचाई तकरीबन पांच फीट तक पहुंच जाती है। बर्फ का शिवलिंग अप्रैल तक रहता है। इससे पहले सरकार ने 2018 में भी यात्रा शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण रोक दी गई थी।
समाचार पत्र अमर उजाला के अनुसार पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मार्च से टिंबरसैंण महादेव की यात्रा के लिए जिला प्रशासन को तैयारी करने को कहा गया है। टिंबरसैंण में अभी तक यात्रियों की सुविधाओं के लिए कुछ नहीं है। अवस्थापना विकास के लिए जिला प्रशासन को बजट पर्यटन विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि टिंबरसैंण महादेव एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है। केंद्र सरकार से नीती घाटी को इनर लाइन से बाहर करने का आग्रह किया गया था। जिसके बाद केंद्र ने घाटी में इनर लाइन को समाप्त किया है। इस यात्रा से सीमांत क्षेत्र घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। विभाग को मार्च महीने से यात्रा संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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