राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमले को लेकर मोदी सरकार के नए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी। अध्यादेश के अनुसार, स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला अब गैर-जमानती अपराध होगा। जांच 30 दिन में पूरी होगी। फैसला एक साल में आएगा।
कोरोना संकट के समय में, केंद्र सरकार देश के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में उभरी है। मोदी सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया और 1897 से चल रहे महामारी कानून में संशोधन कर अध्यादेश जारी कर दिया।
नए अध्यादेश के अनुसार, अब कोरोना वारियर्स पर हमला गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। इस पूरे मामले की जांच 30 दिनों में पूरी होगी और केस का फैसला एक साल में आएगा। इस मामले में, 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। अगर मामला गंभीर हुआ तो 6 महीने से 7 साल तक के कारावास की सजा हो सकती है। साथ ही, घटना की गंभीरता के आधार पर, 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।