Ram Mandir : देश में लॉक डाउन के तीसरे चरण में निर्माण कार्यों में मिली छूट के कारण राम मंदिर के निर्माण कार्य में तेजी आने की संभावना है। मंदिर के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी लार्सन एंड टर्बो के ऊपर है। यह कंपनी रामलला के मंदिर के निर्माण का कार्य ‘नो प्रॉफिट नो लॉस’ के सिद्धांत पर करेगी जिसकी सहमति विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल ने इस कंपनी के मालिक से पहले ही ले ली थी।
बृहस्पतिवार को मंदिर के गर्भ गृह की सुरक्षा तथा दर्शन के लिए चारों ओर से लगाए हुए लोहे की घेराबंदी और जाली के साथ-साथ सीआरपीएफ कैंप को हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया। पीडब्ल्यूडी की स्थानीय टीम को लार्सन एंड टर्बो के इंजीनियरों की निगरानी में मंदिर के मैदान को समतल करने की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही मंदिर के गर्भ गृह तथा आसपास की मिट्टी का परीक्षण भी इन इंजीनियरों के द्वारा कर लिया गया है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार राम मंदिर के निर्माण कार्य को बिना किसी विलंब के
, तेजी से कार्य को करते हुए तय समय सीमा के अंदर संपन्न करने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के राम मंदिर के दौरे से पहले निर्माण कार्य की देखरेख के लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और ट्रस्टी जिलाधिकारी अनुज कुमार झा मंदिर परिसर में ही कैंप लगाकर रह रहे हैं।
Ram Mandir : इससे पहले मंदिर के निर्माण को लेकर
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के अनुसार, मंदिर के नक्शे के मुताबिक लोहे की घेराबंदी, जाली तथा सुरक्षाबलों के अस्थाई कैंप को हटाने का कार्य तेजी से चल रहा है। मजदूरों को कड़ी सुरक्षा जांच के बाद ही वाहनों में भरकर ही मंदिर परिसर में आने की अनुमति दी जा रही है।इसके साथ ही ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र को रोजाना लोहे की साफ सफाई के कार्य की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इससे पहले मंदिर के निर्माण को लेकर बुधवार को ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में मंदिर के निर्माण में चल रहे कार्यों की जानकारी दी गई। ट्रस्ट के अनुसार राम मंदिर का कार्य चरणबद्ध तरीके से संपन्न होगा। पहले चरण में रामलला को अस्थाई स्थान पर रखा जाएगा तथा दूसरे चरण में मंदिर के निर्माण वाली जगह की सफाई और समतलीकरण किया जाएगा। श्री राय ने कहा कि कोराना वायरस महामारी के कारण निर्माण कार्य में बाधा जरूर आई है लेकिन इतने बड़े कार्य में छोटी मोटी बाधाएं आना स्वाभाविक है। साथ ही भूमि पूजन की तिथि भी जल्द ही तय हो सकती है।