महाराष्ट्र में राजनैतिक उठापटक के बीच कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत के द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की टोपी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग सावंत के खिलाफ आक्रोश जता रहे हैं। बता दें कि भगत सिंह कोश्यारी जो टोपी पहनते हैं, वह उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक परिधान का एक अहम हिस्सा है। साथ ही इस टोपी का संबंध गढ़वाल रेजिमेंट और कुमाऊँ रेजीमेंट से भी है।
महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सामंत ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भगत सिंह कोश्यारी की टोपी पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “यदि महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपनी टोपी उतारने के बारे में सोचते है, तो वे निश्चित रूप से अपनी जिम्मेदारी को याद करेंगे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त करेंगे। यह टोपी संवैधानिक जिम्मेदारी के लिए एक बाधा है।” (हिंदी अनुवाद)
सचिन सावंत कि ट्विटर पर की गयी इस टिप्पणी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा, ‘ भगत सिंह कोश्यारी जी पर की गई अभद्र टिप्पणी देवभूमि की संस्कृति के अहम प्रतीक चिन्ह के अपमान के साथ देश की फौज का भी अपमान है; ज्ञात हो कि इस टोपी का संबंध गढ़वाल रेजिमेंट और कुमाऊँ रेजीमेंट से रहा है।’
सोशल मीडिया पर उत्तराखंडवासियों ने सावंत की इस आपत्तिजनक टिप्पणी पर नाराजगी जताई है और उनसे माफी मांगने को कहा है।
एक यूजर ने आक्रोश जताते हुए लिखा, ‘ यह अपमान सिर्फ भगत सिंह कोश्यारी का नहीं बल्कि संपूर्ण उत्तराखंड की जनता व यहां की संस्कृति का अपमान है। इस अपमानजनक टिप्पणी के लिए संजय सावंत को सार्वजनिक रुप से माफी मांगनी चाहिए।’
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “हमारे तो दादा जी भी ऐसी टोपी पहनते थे, श्राद्ध में भी ऐसी टोपी पहनी जाती हैं। दूसरे राज्य के संस्कार जाने बिना टोपी को बदनाम किये जाने से उत्तराखण्ड राज्य वासियो की भावनाओ को आहत किया गया है।”