जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में रविवार को नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों से लोहा लेते हुए राजस्थान का लाल शहीद हो गया। झुंझुनूं जिले के छावसरी निवासी छत्रपाल सिंह पैराट्रूपर के पद पर कार्यरत था। छत्रपाल सिंह के शहादत की सूचना मिलते गांव में सन्नाटा पसर गया। सीएम अशोक गहलोत ने शहीद की शहादत को सलाम करते हुए परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
शहीद छत्रपाल सिंह पांच वर्ष पहले मात्र 18 की उम्र में सेना में भर्ती हो गए थे। उनका जन्म 12 अगस्त 1997 में हुआ और वह 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। अभी उनका विवाह भी नहीं हुआ था। छत्रपाल के परिवार में माता शशिकला देवी, पिता सुरेश कुमार पाल और एक भाई सूर्य प्रताप सिंह है। वह हाल ही में 29 दिन की छुट्टी काटकर 9 मार्च को ही ड्यूटी पर गया था।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया कि छत्रपाल सिंह झुंझुनूं जिले के छावसरी गांव के रहने वाले थे। रविवार को जम्मू-कश्मीर में कुछ आतंकवादी घुसपैठ का प्रयास कर रहे थे। सेना ने आतंकियों को चुनौती देते हुए सरेंडर को कहा गया तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। करीब 15 घंटे चली इस मुठभेड़ में छत्रपाल शहीद हो गए।
भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में पांच आतंकी मारे गए और एक सैनिक शहीद हो गया तथा चार घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चारों जवानों ने दम तोड़ दिया। सेना की इसी 4 पैरा यूनिट के जवानो ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक में भाग लिया था, जिसमें सीमा पार जाकर पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट कर अपनी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा है कि मैं झुंझनूं के जवान छत्रपाल सहित पांच सैनिकों की वीरता को सलाम करता हूं जो एलओसी पर घुसपैठ रोकने के अभियान में शहीद हो गए।