आप सभी ने 1997 में अनिल कपूर, उर्मिला मतोंडकर, श्रीदेवी की फिल्म ‘जुदाई’ अवश्य देखी होगी जिसमें उर्मिला मातोंडकर को अपने शादीशुदा सहकर्मी अनिल कपूर से इश्क हो जाता हैं। अनिल कपूर को पाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हो जाती है। जब लालची श्रीदेवी को उर्मिला के मंसूबों का पता चलता है तो वह उर्मिला की सारी धन दौलत के बदले अनिल कपूर का सौदा कर लेती हैं।
ऐसे ही एक हैरान कर देने वाली फिल्मी कहानी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की है जहां 57 साल की एक महिला सरकारी कर्मचारी अपने 45 साल के सहकर्मी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हो जाती हैं। दरअसल बात यह है कि महिला,10 साल पहले अपने पति के देहांत के बाद तथा अपने बहु बेटे द्वारा तिरस्कार किए जाने के कारण अपने आप को अकेला महसूस कर रही थी। शायद इसी वजह से महिला का दफ्तर में अपने सहकर्मी के साथ नजदीकियां बढ़ने लगी। पूरे देश में लॉकडाउन होने और दफ्तर के बंद होने कारण उनका मिलना जुलना बंद हो गया था। अंततः अकेलेपन से परेशान होकर महिला अपने सहकर्मी के घर ही पहुंच गई।
प्रेमी की पत्नी चाय बनाने के लिए किचन में चली गई। चाय लेकर जैसे ही वह बाहर आई तो उसने देखा कि उसका पति और महिला हाथ में हाथ डाले बैठे हैं। यह देखते ही पत्नी का पारा चढ़ गया दोनों महिलाओं की आपस में बहस शुरू हो गई। इसी बीच प्रेमिका ने प्रेमी की पत्नी को उसके पति के बदले अपनी सारी धन दौलत देने की बात कही। मामला बढ़ता देख पड़ोसियों ने बीच बचाव किया तथा पुलिस को इत्तला करी। बाद में मामला फैमिली कोर्ट पहुंचा जहां पर काउंसलर सरिता राजानी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पति,पत्नी,प्रेमिका और उसके बेटे बहू की दिनभर काउंसलिंग करी। मामले ने तब और तूल पकड़ ली जब पति ने भी अपनी पत्नी से कह दिया वह प्रेमिका को अकेला नहीं छोड़ सकता। पत्नी का कहना है कि उसके पति ने शादी के 14 साल बाद धोखा दिया है।
‘राम तेरी गंगा साफ हो गई…’ लॉकडाउन से ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का पानी हुआ साफ