E-commerce : भारत में कोरोना के मामले दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं| स्वास्थ्य मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 15000 से ऊपर हो गयी है। इस महामारी को रोकने के प्रयास में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में ३ मई तक लॉक डाउन की घोषणा की थी, जिसमें उन्होनें संकेत दिया था कि जिन जगहों पर कोरोना की स्थिति में सुधार होता है वहां लॉक डाउन में ढील दी जा सकती है, ततपश्चात १५ तारीख को गृह मंत्रालय ने एक नियमावली जारी की थी जिसमें ई -कॉमर्स कंपनियों को २० अप्रैल से कार्य करने की छूट प्रदान की गयी थी।अभी ये कंपनियां आंशिक रूप से ही कार्य कर रही हैं और आवश्यक सामग्रियों की ही डिलीवरी कर रही थी।
E-commerce : नहीं मिलेगी छूट
गृह मंत्रालय के नियमावली जारी करने के पश्चात कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि सरकार ई -कॉमर्स कंपनियों को २० अप्रैल के बाद आवश्यक के साथ-साथ गैर आवश्यक सामग्रियों की डिलीवरी करने की छूट दे सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार बड़ी ई-कॉमर्स कम्पनियाँ जैसे फ्लिपकार्ट और स्नैपडील इत्यादि २० अप्रैल के बाद सामान्य परिचालन की तैयारियां करने लग गयी थी। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐमज़ॉन ने इस पर सरकार से रुख स्पष्ट करने को कहा था।
Supply of non-essential goods by e-Commerce companies to remain prohibited during lockdown: Ministry of Home Affairs (MHA) pic.twitter.com/5wuB3mLXoT
— ANI (@ANI) April 19, 2020
इसी क्रम में सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसका ई- कॉमर्स कंपनियों को राहत देने का कोई विचार नहीं है। आज 19 अप्रैल को एक विज्ञप्ति जारी की गयी है। जिसमें गृह मंत्रालय द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-जरूरी सामानों की आपूर्ति लॉकडाउन के दौरान प्रतिबंधित रहेगी।
आपको बता दें की देश में अब तक कोरोना के 15,712 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 2231 मरीज ठीक हो गए हैं और 507 लोगों की मौत हो चुकी है।