Patanjali: पतंजलि योग पीठ ने कोरोनावायरस को ठीक करने के लिए दवा बनाने के अपने दावे को वापस लिया। इससे पहले, पतंजलि ने दावा किया था कि कोरोना वायरस का इलाज उसकी दवा कोरोनिल से आसानी से किया जा सकता है। पतंजलि योग पीठ ने उत्तराखंड आयुष विभाग द्वारा सोमवार यानी 29 जून 2020 को भेजे गए नोटिस का जवाब दिया। आयुष विभाग को भेजे गए एक उत्तर में, पतंजलि अपने पहले के दावों से पूरी तरह से पलट गई।
बता दें कि बीती 23 जून को पतंजलि के दिव्य फार्मेसी ने राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोनिल और श्वासारि वटी लांच करते हुए इससे कोरोना के मरीजों को ठीक करने का दावा किया था। प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा गया था कि मरीजों पर इनका क्लिनिकल टेस्ट किया गया है, लेकिन तुरंत बाद ही स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष विभाग ने इस दावे को नकार दिया था।
पतंजलि योगपीठ द्वारा यह दावा किया गया था कि कोरोना टैबलेट पर किया गया यह शोध पतंजलि अनुसंधान संस्थान हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। बाबा रामदेव ने उस समय कहा था कि इस दवा में केवल स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग किया गया है। मुलोय, गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, ब्रीथ्री सहित काढ़े का उपयोग इस औषधि में किया गया है। वर्तमान में, उत्तराखंड आयुष विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस के जवाब में, पतंजलि अपने शब्दों के साथ पूरी तरह से पलट गया है।
बताया जा रहा है कि इसके जवाब में पतंजलि ने लिखा कि उन्होंने कोरोना के इलाज का कभी दावा नहीं किया। उन्होंने केवल कोरोना संक्रमित रोगियों पर आयुर्वेद दवा कोरोनिल टैबलेट के नैदानिक परीक्षण के परिणामों की सूचना दी। इस दवा के उपयोग से संक्रमित कोरोना मरीजों पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।