Remdesivir : अमेरिकी नियामकों ने प्रायोगिक दवा रेमडेसिवीर के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है, जो कुछ कोरोनोवायरस रोगियों को तेजी से ठीक करने में कारगर साबित हो रही है।यह जानलेवा कोरोना से लड़ने में मदद करने वाली पहली दवा है। अब तक दुनिया भर में कोरोना से 2, 30, 000 लोगों की मौत हो चुकी है।
Remdesivir : कोरोना मरीजों को यह दवा उपलब्ध होगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(एफडीए) आयुक्त के साथ इस खबर की घोषणा की| अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को यह दवा उपलब्ध होगी।
एक शीर्ष अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ. एंथोनी फौसी ने, दवा रेमडेसिवीर के एक महत्वपूर्ण क्लिनिकल परीक्षण के प्रारंभिक परिणामों को कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में कारगर बताया है। शुरुआती परिणाम बताते हैं कि जिन रोगियों को रेमडेसिवीर दवा दी गई है, वे उन लोगों की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक तेजी से ठीक हो गए जिन्हें प्लेसबो उपचार दिया गया था।
जिन कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को रेमडेसिवीर दी गई वह 11 दिन के भीतर ठीक हो गए। जबकी जिन्हें प्लेसबो ट्रीटमेंट दिया गया वो 15 दिनों में ठीक हुए। आपको बता दें कि भारत कोरोना वैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ संयुक्त परीक्षण का हिस्सा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के निदेशक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने पहले कहा था कि भारत ने रेमडेसिवीर के परीक्षण पर नजर रखी है और इससे संबंधित सभी डेटा एकत्र किया जा रहा है।
रेमडेसिवीर अमेरिकी गिलियड कंपनी द्वारा बनाई गई दवा है, जो कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक प्रमुख हथियार साबित हो रही है।
कहां से आई रेमडेसिवीर दवा ?
दरअसल इस दवा को इबोला के इलाज के लिए विकसित किया गया था। रेमडेसिवीर, एक एंटीवायरल दवा है। कोई भी वायरस जब इंसानी शरीर में जाता है तो वह अपने आप को रेप्लीकेट( यानी अपनी तरीके की दूसरी प्रतियां तैयार करने लगता है ) करने लगता है और यह सब होता है इंसान के शरीर में मौजूद कोशिकाओं में, लेकिन वायरस को इस प्रक्रिया में एक एंजाइम की जरूरत होती है। रेमडेसिवीर दरअसल इसी एंजाइम पर हमला करके वायरस के रास्ते में एक तरह का रोड़ा बनती है।